भारत वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त होने के लिए प्रतिबद्ध आज मैंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वार्षिक #TB Report2020 जारी करी। इस मौके पर टीबी रोग उन्मूलन कार्यक्रम के क्रियान्वयन में अच्छा प्रदर्शन करने वाले राज्यों के नामों की घोषणा के साथ ही एक Joint Monitoring Mission रिपोर्ट, NIKSHAY प्रणाली के तहत टीबी रोगियों के लिए प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) पर एक मैनुअल, एक प्रशिक्षण मॉड्यूल और त्रैमासिक समाचार पत्रिका NIKSHAY भी जारी की। जहाँ मेरे साथ मेरे सहयोगी MoS श्री अश्विनी कुमार चौबे जी भी रहे। टीबी उन्मूलन में सराहनीय प्रयास करने वाले 50 लाख से ऊपर आबादी वाले राज्यों में पहले स्थान पर गुजरात, दूसरे स्थान पर आंध्रप्रदेश और तीसरे स्थान पर हिमाचल प्रदेश रहा है तो वहीं 50 लाख से कम आबादी वाले राज्यों में त्रिपुरा और नागालैंड है। केन्द्र शासित प्रदेशों में दादरा नगर हवेली को प्रथम स्थान दिया गया है। हमने माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के निर्देश पर टीबी के खिलाफ लड़ाई को नया रूप दिया गया है और भारत 2025 तक टीबी के उन्मूलन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है। हमने महत्वाकांक्षी लक्ष्य को संरेखित करने के लिए कार्यक्रम का नाम संशोधित राष्ट्रीय क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम (RNTCP) से बदलकर राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम (NTEP) कर दिया गया है। टीबी उन्मूलन की दिशा में बेहतरीन काम करने वाले राज्य गुजरात, हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, त्रिपुरा, नागालैंड,दमन दीव और दादर नगर हवेली को सम्मानित किया गया है। टीबी मरीज़ों को बेहतर पोषण मिले इसके लिए 45 लाख से ज्यादा मरीज़ों को 533 करोड़ रुपये सीधे उनके खाते में भेजे गए हैं। टीबी के मरीज़ों का ऑनलाइन डेटा बनाया जा रहा है, देश मे लगभग 23.9 लाख टीबी मरीज़ों को अधिसूचित किया गया है। इनमें 6.2 लाख रोगी निजी क्षेत्र से है। हमारा हर ब्लॉक में Molecular Diagnostic मशीन लाने का लक्ष्य है। सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में टीबी की जांच स्क्रीनिंग हो रही है ताकि लोगों को उनके घर के पास इलाज की सुविधा मिल सके। हमने कोरोना के समय मे भी टीबी मरीज़ के इलाज और पहचान में कोई कमी नही आने दी है। हमने टीबी के जांच केंद्रों को सुदृढ बनाया है। मैंने बताया कि सरकार के द्वारा टीबी के मरीजों की पहचान के लिए जबरदस्त अभियान चलाया जा रहा है जिसका नतीजा है कि पहले जहां हर साल 10 लाख केस छूट जाते थे, मरीज़ जांच के दायरे में नही आ पाते थे लेकिन जांच प्रक्रिया को जिस तरह बढ़ाया गया है उससे अब यह संख्या घट कर 2.9 लाख रह गयी है। राज्यों में टीबी उन्मूलन कार्यक्रम को लेकर गंभीरता से काम किया जा रहा है जिससे देश अपने लक्ष्य को तय समय से पहले ही हासिल कर लेगा। इस वर्ष 23 राज्यों के 337 जिलों में 27 करोड़ से ज्यादा लोगों की स्क्रीनिंग की गई जिसमें 62 हजार से ज्यादा टीबी मरीज़ की पहचान हुई। हमने 2025 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य रखा है लेकिन कुछ राज्य लक्ष्य से पहले ही टीबी उन्मूलन करना चाहते हैं। उनमें केरल 2020, हिमाचल प्रदेश 2021 में सिक्किम और लक्षद्वीप 2022 में, छत्तीसगढ़, जम्मू कश्मीर, मध्यप्रदेश, तमिलनाडु, बिहार, झारखंड, पुडुचेरी, दादर अगर हवेली, दमन और दीव ने 2025 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य रखा है। वर्ष 2019 में टीबी के 24.04 लाख मरीज़ चिन्हित किए गए जोकि वर्ष 2018 के मुकाबले 14 प्रतिशत अधिक है। हमने कोरोना संकट के समय में भी टीबी के खिलाफ जंग को कमजोर नहीं होने दिया गया है व आगे भी यह जंग जारी रहेगी और साल 2025 तक देश टीबी मुक्त हो जाएगा।
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