फेक न्यूज वेबसाइटों पर कार्रवाई
तस्मत सावधानी...?
(बोम्मा रेड्डी श्रीमना नारायण)
नई दिल्ली :: फेक न्यूज लिखने वाली वेबसाइटों पर कार्रवाई.. संसद में आएगा नया कानून! केंद्र प्रेस और पत्रिकाओं के पंजीकरण विधेयक को अंतिम रूप दे रहा है
अगर वार्षिक सत्र में संसद के समक्ष लाए जाने वाले विधेयक को मंजूरी मिल जाती है तो झूठी खबरें लिखने वाली डिजिटल समाचार वेबसाइटों का पंजीकरण रद्द करना मीडिया पंजीकरण अधिनियम के दायरे में आएगा।
देश में डिजिटल मीडिया की फिलहाल कोई सीमा नहीं है। कोई फर्क नहीं पड़ता कि क्या खबर लिखी जाती है या कौन सा वीडियो प्रसारित किया जाता है, नाथू को ज्यादा परवाह नहीं है। संबंधित डिजिटल प्लेटफॉर्म पर प्रसारित समाचारों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाने की कोई व्यवस्था नहीं है। परिणामस्वरूप कुछ डिजिटल मीडिया घरानों ने समाचारों का प्रसारण किया। इसके बाद इस तरह के प्रयासों को रोक दिया जाएगा। इस दिशा में केंद्र सरकार एक नए कानून को अंतिम रूप दे रही है। सब कुछ योजना के मुताबिक रहा तो जल्द ही शुरू होने वाले मानसून सत्र में यह बिल संसद के सामने आएगा।
संसद से मंजूरी मिलने पर यह नया बिल तुरंत कानून बन जाएगा। नतीजतन, डिजिटल मीडिया भी कानून के दायरे में आ जाएगा। इस हद तक, केंद्र प्रेस और आवधिक विधेयक के पंजीकरण को अंतिम रूप दे रहा है। इस विधेयक को मंजूरी मिलने के बाद फर्जी खबरें प्रसारित करने वाली डिजिटल समाचार साइटों का पंजीकरण रद्द करने और उन साइटों पर जुर्माना लगाने की भी संभावना है। यदि यह विधेयक कानून बन जाता है, तो डिजिटल समाचार, जो अब तक सरकारी विनियमन के दायरे में नहीं था, अब मीडिया पंजीकरण अधिनियम के दायरे में आ जाएगा।
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